आज हम बात करेंगे दुनिया की सबसे खतरनाक एजेंसियो में से एक इजराइल की सीक्रेट एजेंसी जिसका नाम है मोसाद. मोसाद एक ऐसी खुफिया एजेंसी है जो अपने दुश्मनों का सफाया बड़े ही क्रूरता ढंग से करती है. इसलिए इस ख़ुफ़िया एजेंसी को मौत का दूसरा नाम मोसाद कहा जाता है.
इजरायल अपने नागरिकों को लेकर काफी सतर्क रहता है इसलिए उस पर आने वाले किसी भी संकट का मुंहतोड़ जवाब देना जानता है. इसी का एक उदाहरण है
मोसाद द्वारा किया गया ऑपरेशन थंडरबोल्ट -:
इस मोसाद द्वारा किया गया ऑपरेशन थंडरबोल्ट के दौरान इजरायली कमांडो और सेना ने एक दूसरे देश युगांडा के हवाई अड्डे में बिना परमिशन के घुसकर अपने 54 नागरिकों को छुड़वा लिया था. यह ऑपरेशन नागरिक सुरक्षा के मामले में सबसे बेहतरीन ऑपरेशन माना जाता है.
यह एक ऐसी खुफिया एजेंसी है जिसमें मनोवैज्ञानिक युद्ध का पूरा एक भाग होता है, जो तय करता है कि किस खुफिया न्यूज़ को मीडिया में लीक करना है या नहीं. इसका एक पूरा विभाग रासायनिक और जैविक हथियारों की खोज में भी लगा रहता है.
ऐसा माना जाता है कि फिलीस्तीनी नेता यासिर अराफात को उसने ऐसा जहर देकर मारा था कि उसकी पहचान तक नहीं हो सकी. एक बार इसके एजेंटों ने एक आतंकवादी की पत्नी को फूल भेजे थे, जिसके कुछ ही मिनटों बाद उस आतंकवादी की हत्या कर दी गई. ऐसा भी माना जाता है कि मोसाद के एजेंटों की दुनिया के अन्य देशों की खुफिया एजेंसी में भी घुसपैठ है. इनके एजेंटों की ट्रेनिंग बहुत ही करें तरीके से होती है और उनकी जांच पड़ताल बहुत ही खुफिया तरीके से की जाती है. बहुत कम लोगों को पता होगा कि दुनिया में जो सीक्रेट डिप्लोमेसी होती है उसका जनक मोसाद ही है. कोई भी एजेंसी एक दूसरे के रहस्यों को उजागर नहीं करती लेकिन मोसाद ही एक ऐसी एजेंसी है जो एक देश के रहस्य को दूसरे देशों तक पहुंचाने का भी काम करती है, इतना ही नहीं इसके एजेंटों ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की मोनिका लेविंस्की के साथ बातचीत को रिकॉर्ड करके बिल क्लिंटन को भी ब्लैकमेल किया था.
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