अगर आपके पास भी है ज्यादा दोस्त
अमेरिका के कोलंबस में 'ओहियो स्टेट विश्वविद्यालय' में 'न्यूरोलॉजिकल इंस्टीट्यूट' की प्रमुख शोधकर्ता एलिजाबेथ किर्बी ने एक शोध में बताया कि "हमारे शोध में इस बात का खुलासा हुआ कि सामाजिक रूप से सक्रिय प्रत्येक व्यक्ति के दिमाग पर उम्र का प्रभाव पड़ता है" एक रिसर्च के अनुसार भावनात्मक यादों और प्रेरणाओं को महसूस करने वाला दिमाग का हिस्सा उम्र के साथ-साथ प्रभावित होते रहता है. दिमाग के इस हिस्से में सामाजिक संबंध कि बातें संरक्षित रहता है /
ज्यादा दोस्त होने से दिमाग तेज होता है
आपके दोस्त ना सिर्फ आपके बुरे वक्त में मदद के लिए आते हैं बल्कि आपको दिमाग से भी तेज़ बनाते हैं. जिनके पास दोस्त है वो अन्य लोगों कि तुलना में दिमागी तौर पर ज्यादा जवान और तेज़ होते हैं. हाल ही में यह बात एक रिसर्च में साबित हुई है.
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स्मरण शक्ति का तेज होना
जर्नल 'फ्रंटियर इन एजिंग न्यूरोसाइंस' प्रकाशित शोधके शोधकर्ताओं के एक दल ने 15-18 महीने तक चूहों पर अध्ययन करके बताया कि हमने चूहों के दो समूह बनाकर उस पर तीन महीनों तक अध्ययन किया. चूहों को एक खिलौना पहचानने का शोध कर उनकी स्मरण शक्ति कि जाँच की गई. शोध के परिणामों के मुताबिक समूह में रहने वाले चूहों की स्मरण शक्ति ज्यादा बेहतर थी. जब उनकी प्राकृतिक स्मरण शक्ति में गिरावट आना प्रारंभ हो जाती है.
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किर्बी ने बताया कि "जहां अकेले साथी के साथ रहने वाले चूहे यह पहचानने में असफल रहे कि किसी वस्तु को उसके स्थान से हटाया गया है, वहीं समूह में रहने वाले चूहों ने बेहतरीन रिजल्ट दिए यानि वे दूसरी जगह रखे गए पुराने खिलौने के पास गए और अपने स्थान पर पहले से रखे गए दूसरे खिलौने को उन्होंने नजरंदाज कर दिया /"
उन्होंने बताया कि भविष्य में शोध कर सामाजिक स्वभाव का स्मरण शक्ति और मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित संबंधों का भी खुलासा होना संभव हो सकेगा /
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